Examine This Report on संक्रामक रोग से बचने के उपाय

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सरकार का कहना है कि संक्रमण का दुबारा प्रसार होने पर भी, वह देश के चिकित्सा तंत्र और जन स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन जारी रखते हुए, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के वर्तमान स्तर को बनाये रखने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों की राय और संक्रमण की वैश्विक स्थिति को देखते हुए, सरकार कोरोनावायरस के संग सह-अस्तित्व के लिए संक्रमण-रोधी नीति की समीक्षा करती रहेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि बीक्यू.

हर्पीस से पीड़ित मरीज को समय-समय पर बुखार आने लगता है।

शोधकर्ता इसका श्रेय इस बात को देते हैं कि बड़े जानवरों को शारीरिक गर्मी से निजात पाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है जो कि उनकी मांसपेशियों के चलते समय उत्पन्न होती है। इसलिए, अधिक गर्मी से बचने के लिए उन्हें अधिक धीमी गति से यात्रा करनी पड़ती है।

जापान में इन्फ़्लुएंज़ा सर्दियों में फैलता है, लेकिन उष्णकटीबंधीय या उपोष्णकटीबंधीय दक्षिण-पूर्वी एशियाई और अफ़्रीकी देशों की घनी आबादी वाले इलाक़ों में इन्फ़्लुएंज़ा के मामले पूरे साल देखने को मिलते हैं।

पानी में थोड़ा सा नमक डालकर नहाने से भी इस समस्या से कुछ हद तक आराम पाया जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दुनिया भर में संक्रामक रोग पहले से कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं और उनका इलाज करना ज्यादा मुश्किल हो गया है।

क्योतो विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर निशिउरा हिरोशि कोरोनावायरस डाटा का विश्लेषण करते आये हैं। उनका कहना है कि नयी प्रणाली के तहत वायरस के प्रजनन दर का तुरंत पता लगाना असंभव हो जाएगा। प्रजनन दर इस बात का सूचक होती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। उनका कहना है कि वह अब संक्रमण-रोधी उपायों की प्रभावकारिता और लोगों की आवजाही में हुए परिवर्तन के संक्रमण की स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण नहीं कर पाएँगे। निशिउरा ने यह भी कहा कि सरलीकृत प्रणाली के तहत संक्रमित लोगों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी दर्ज नहीं की जाएगी जिसके चलते टीकों की प्रभावकारिता और वायरस के ख़िलाफ़ प्रतिरक्षी क्षमता वाले लोगों के अनुपात का अध्ययन करना असंभव हो जाएगा। उनका कहना है कि इस कारण टीकों Source की बूस्टर ख़ुराक का समय निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है।

अधिकारियों का कहना है कि गंभीर बीमारी की रोकथाम में टीके की प्रभावकारिता का विश्लेषण करने के लिए संक्रमित बच्चों की पर्याप्त संख्या मौजूद नहीं थी।

यह सामग्री क्रियेटिव कॉमन्स ऍट्रीब्यूशन/शेयर-अलाइक लाइसेंस के तहत उपलब्ध है;

दोस्तों, आज कोरोना का खौफ पूरे विश्व में है लेकिन केवल कोरोना ही नहीं बल्कि इसके अतिरिक्त भी ऐसी ढेरों बीमारियाँ हैं जो बड़ी आसानी से फैलती रहती हैं, हमें जागरुकता की आवश्यकता है ताकि इन सभी से यथासम्भव बचाव हो सके।

व‍िटाम‍िन-डी, हमारी हड्ड‍ियों के ल‍िए एक जरूरी पोषक तत्‍व है। दूध, धूप और अन्‍य स्रोत के जर‍िए हमारे शरीर में व‍िटाम‍िन-डी की कमी दूर की जाती है। अगर क‍िसी कारण से आपके शरीर में व‍िटाम‍िन-डी की कमी है, तो हड्ड‍ियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में आपको व‍िटाम‍िन-डी टेस्‍ट कराने की जरूरत पड़ सकती है।    

इस शृंखला में जानेंगे रिपोर्टिंग प्रणाली में हुए बदलावों और उनसे जुड़ी चिंताओं को। पहले अंक में रिपोर्टिंग प्रणाली के सरलीकरण पर एक नज़र।

साथ ही, जापान में पिछले दो वर्षों में बड़े स्तर पर ज़ुकाम महामारी बन कर नहीं उभरा है। इसका मतलब यह है कि अधिकांश लोगों को वायरस के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता हासिल नहीं हुई है।

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